Digital gold ( डिजिटल गोल्ड क्या है l) digital gold option, gold investment online

डिजिटल गोल्ड के प्रकार
1.गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ)
   सोने को खरीदने का यह खास विकल्प है. इस तरह का निवेश स्टॉक एक्सचेंज (बीएसर्इ या एनएसई) में होता है. ईटीएफ के मूल्य में उतार-चढ़ाव सोने की कीमतों पर निर्भर करता है. ज्वेलरी, बार या क्वाइन की तुलना में इनकी लागत कम होती है. मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता एक और फायदा है. इसे खरीदने की लागत सोने की वास्तविक लागत के करीब होती है. इस तरह बेंचमार्क सोने का मूल्य होता है.
इसमें निवेश के लिए आपके पास ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट होना चाहिए. कोई इसमें एकमुश्त या सिप के जरिए नियमित अंतराल पर पैसा लगा सकता है. आप एक ग्राम सोना तक खरीद सकते हैं.



         
2. डिजिटल गोल्ड 
   अब आप सोने के सिक्के, बार और जूलरी ऑनलाइन खरीद सकते हैं. पेटीएम के मोबाइल वॉलेट पर 'डिजिटल गोल्ड' की पेशकश की जा रही है. स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर 'गोल्डरश' की पेशकश कर रहा है. मोतीलाल ओसवाल ने मी-गोल्ड लॉन्च किया है. इन सभी की पेशकश एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ गठजोड़ में की जा रही है. एमएमटीसी-पीएएमपी सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी और स्विटजरलैंड की पीएएमपी के बीच ज्वाइंट वेंचर है.

> विकल्प कैसे चुने
   बार या सिक्कों के रूप में फिजिकल सोना खरीदने की शुरुआती लागत लगभग 10 फीसदी है. आभूषणों के लिए यह इससे भी अधिक है. एसजीबी और गोल्ड ईटीएफ लागत किफायती हैं. एसजीबी में कोई एंट्री कॉस्ट नहीं है.
           एसजीबी उनके लिए फायदेमंद है जो लंबी अवधि के लिए सोने में निवेश करना चाहते हैं. कारण है कि इनकी मैच्योरिटी 8 साल बाद होती है. हालांकि, लॉक-इन अवधि 5 साल में खत्म हो जाती है. वैसे गोल्ड र्इटीएफ में एसजीबी के मुकाबले ज्यादा बेहतर लिक्विडिटी होती है.


टैक्स के मोर्चे पर काफी बड़ा अंतर दिखता है. एसजीबी को भुनाने पर गेंस टैक्स फ्री हैं. लेकिन, तीन साल बाद गोल्ड ईटीएफ में गेंस पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगता है.
              





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